बेबी स्किन केयर टिप्स ,बच्चे की त्वचा की देखभाल के टिप्स

Baby skin care tips in hindi

 जब भी बच्चा किसी के घर पर बच्चा आता है तो सब बहुत खुश होते हैं और खुशियां मनाते हैं और उस समय पर कोई भी बच्चे  को उठाना चाहता है प्यार करना चाहता है परंतु उत्सुकता में सब यह भूल जाते हैं कि बच्चे की स्किन बहुत ही ज्यादा नाजुक और संवेदनशील होती है और जिस में किसी भी प्रकार का संक्रमण या किसी भी प्रकार का इन्फेक्शन रशेस जल्दी हो सकते हैं और छोटे बच्चों की त्वचा बड़े लोगों की त्वचा से अलग होती है इसलिए उनकी त्वचा का बेशक ध्यान रखना आवश्यक होता है स्किन बच्चों के लिए एक कवर की तरह होती है जो उन्हें बाहर के एलर्जी संक्रमण आदि से प्रोटेक्ट करती है इसलिए बच्चों की त्वचा का ख्याल रखना बहुत ही ज्यादा आवश्यक होता है और अक्सर जो नए माता-पिता होते हैं उन्हें अपने बच्चों की त्वचा का बेहद चिंता होती है इसलिए आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे कि शिशु की त्वचा की देखभाल कैसे करें
 
 

शिशुओं और बच्चों की त्वचा का देखभाल करने के तरीके shishu ke स्किन केयर के टिप्स

साफ सफाई और स्वच्छता का ध्यान रखना sawachtha ka dayan rakhana

जब भी बच्चा हॉस्पिटल से घर आता है तो उसकी साफ सफाई और स्वच्छता का विशेष ध्यान करके ध्यान रखना होता है उसके आंख कान नाक को अच्छी तरह से साफ करना चाहिए और उसके डायपर वाली जगह पर अधिक रैशेज होने के संभावना होती है इसलिए वहां पर हल्के गीले कपड़े से साफ करना चाहिए जब बच्चा बार बार पेशाब करता है तो उसकी डायपर वाली जगह गीली हो जाती है जिससे बच्चे को इंफेक्शन होने का खतरा हो सकता है इसलिए उससे उसकी गीली वाली जगह को जल्दी सुखा देना चाहिए 

बच्चे को नहलाना baby bathing

जब भी बच्चे को हॉस्पिटल से  घर लेकर आते हैं तो कुछ महिलाएं बच्चों को रोज रोज नहलाना शुरू कर देते हैं ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए बच्चों को रोज रोज नहीं नहलाना चाहिए 
बच्चों को रोज नहलाने से उनके शरीर में प्राकृतिक रूप से जो तलिया पदार्थ होता है वह खत्म हो जाता है जिससे उनकी त्वचा शुष्क से हो जाती है उनकी त्वचा से पपड़ी निकलनी शुरू हो जाती है
बच्चे को कम से कम 1 सप्ताह में तीन से चार बार नहलाना चाहिए
बच्चे को अधिक गर्म और अधिक ठंडे पानी में नहीं नहाना चाहिए
बच्चे को नहालाते समय हल्के  साबुन का इस्तेमाल करना चाहिए
बच्चे को नहाने के तुरंत बाद सूखने के लिए किसी सूती टॉवल का यूज करना चाहिए
बच्चे को नहलाते समय रगड़ना नहीं चाहिए

बच्चे के क्रीम और पाउडर cream and powder for baby

देखा जाता है कि बच्चे को नहलाने के बाद क्रीम का पाउडर लगाए जाते हैं परंतु यदि बच्चे को अच्छी प्रकार से सुखाए लिया जाए और  पूछ लिया जाए तो उसे क्रीम पाउडर लगाने की जरूरत नहीं होती आप नारियल तेल का इस्तेमाल भी कर सकते हैं
यदि फिर भी बच्चे को पाउडर लगाना चाहते हैं तो बेबी टेलकम पाउडर लगाना चाहिए
बच्चे कि त्वचा पर किसी भी प्रकार के केमिकल वाले पाउडर नहीं लगाना चाहिए जिनमें खुशबू होती है या बच्चे की त्वचा को नुकसान पहुंचा सकती है
बिना डॉक्टर की सलाह के बच्चे के चेहरे पर किसी भी प्रकार की क्रीम का प्रयोग नहीं करना चाहिए
डायपर वाली जगह पर पाउडर लगा सकते हैं क्योंकि वहां पर बच्चे को अधिक संक्रमण होने के चांसेस होते हैं इसलिए वहां पर अच्छे से सुखा कर पोच कर पाउडर लगाना चाहिए

बच्चे के कपड़े bache ke kapde

बच्चे के कपड़े को किसी भी निरमा और डिटर्जेंट से नहीं धोना चाहिए
बच्चे को सूती कपड़े पहनाने चाहिए
बच्चे को ज्यादा रंग बिरंगे कपड़े नहीं पहने चाहिए
बच्चे के कपड़ों पर किसी भी प्रकार के बटन या कोई कढ़ाई नहीं होनी चाहिए जिससे वह बच्चे को नुकसान पहुंचा सके
बच्चे के कपड़े सिम्पल होने चाहिए 
बच्चों के  कपड़े को डिटोल से धोना चाहिए
बच्चे के कपड़े को बड़ों के कपड़ों से अलग धोना चाहिए
और जब भी बच्चों के लिए बाजार से कोई नए कपड़े लेकर आते हैं तो उन्हें पहले ही धो  लेना चाहिए फिर  बच्चों को  पहनाना चाहिए कि उसमें कई प्रकार के रासायनिक और केमिकल्स मौजूद जो कि बच्चों की त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं
 

बच्चे को डायपर रैश से बचाएं diaper rashes 

कई बार बच्चों को डायपर वाली जगह पर रैश होते हैं ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कई समय तक गंदे डायपर का प्रयोग करने से उन्हें वहां पर एलर्जी ,रैशेज , लाल चकत्ते आदि जैसी समस्या हो जाती है इसलिए बच्चे के डायपर को समय-समय पर बदलना चाहिए
बच्चे के लिए मुलायम और अधिक सोखने वाला डायपर का प्रयोग करना चाहिए
हमेशा डायपर वाली जगह को सूखा रखना चाहिए
बच्चे की डायपर वाली जगह को अधिक  रगड़ना  नहीं चाहिए 
यदि बच्चे के घर पर राशि लंबे समय तक है तो उसे डॉक्टर को दिखाना चाहिए

बच्चे में स्किन प्रॉब्लम skin problem 

अधिकांश बच्चों में जन्म के समय से ही त्वचा रोग होने शुरू हो जाते हैं जिनमें शरीर पर लाल लाल चकते होने के साथ-साथ शुष्क और परतदार भी होते हैं ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यह अनुवांशिकता heriditary भी होता है इसकी पहचान करते ही जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाना चाहिए नहीं तो  बच्चे के लिए गंभीर समस्या भी बन सकती है 
 

 बच्चे के लिए प्राकृतिक चीजों का चयन करना natural products ka use krna

यदि आप बच्चे के लिए किसी भी प्रकार का कोई भी सामान खरीदते हैं तो उसमें आपको प्राकृतिक चीजों का चयन करना चाहिए जो कि नेचुरल होती है जिससे बच्चे की त्वचा पर कोई भी नुकसान ना हो यदि आप बच्चे के लिए तेल साबुन आदि का चयन करते हैं तो वह नेचुरल ही होना चाहिए
बच्चे की त्वचा का देखभाल करने पर आपको किसी भी प्रकार के नहीं चीजों का परीक्षण बच्चे की त्वचा पर नहीं करना चाहिए

बच्चे को सुबह की धूप दिखाना shishu ko dup dikhana

बच्चे को सुबह सुबह की हल्की धूप दिखानी चाहिए क्योंकि धूप मैं विटामिन डी होता है जो कि बच्चे की हड्डियों के लिए आवश्यक होता है इससे बच्चे का विकास अच्छा होता है
परंतु बच्चे को तेज धूप में नहीं लाना चाहिए इससे उसे सनबर्न होने का खतरा भी होता है
बच्चे को धूप में ले जाने पर उसे फुल आस्तीन के कपड़े पहने चाहिए और कैप पेंट आदि पहनाकर बच्चे को धूप में ले जाना चाहिए 
बच्चे को अधिक देर तक धूप में नहीं निकालना चाहिए

बच्चे के शरीर की मालिश करना bache ki massage krna

 
एक शिशु के विकास के लिए उसके शरीर की मालिश करना बहुत ही ज्यादा लाभदायक होता है इसमें शिशु की हड्डियों के विकास करने के लिए उसके शरीर की मालिश करनी चाहिए
शिशु की मालिश करने के लिए नेचुरल तेल जैसे नारियल का तेल बादाम का तेल आदि का इस्तेमाल करना चाहिए
बच्चे की मालिश करने के लिए किसी भी प्रकार के रासायनिक तेल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए ना ही किसी सुगंधित तेल का प्रयोग करना चाहिए 

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