कंप्यूटर क्या है उसके प्रकार, परिभाषा, इतिहास, उपयोग, लाभ और हानि (What is Computer in hindi, History, Types)

कंप्यूटर क्या है उसके प्रकार, परिभाषा, इतिहास, उपयोग, लाभ और हानि (What is Computer in hindi, History, Types)

 

20 वी सदी ने संचार के क्षेत्र में एक क्रांति ला दी. विज्ञान के चमत्कार से हम भलीभांति परिचित है, आये दिन नए नए अविष्कार होते रहते है. संचार के क्षेत्र में सबसे अधिक बदलाव लाया है, एक ऐसी मशीन ने जिससे जटिल से जटिल संख्या का गुणा, भाग, जोड़ना, घटाना माइक्रो सेकंड में हो जाता है. यह मशीन है कंप्यूटर. कंप्यूटर से बड़े बड़े काम इतनी जल्दी होने लगे, जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था. विज्ञान मॉडर्न लाइफ में किसी आशीर्वाद से कम नहीं है. कुछ समय पहले तक कंप्यूटर को एक अदभुत मशीन के तौर पर देखा जाता था, किसी ने सोचा नहीं था कि कंप्यूटर का विकास इतनी तेजी से होगा, और कंप्यूटर के द्वारा मानव जाति का विकास इस तरीके से होगा. कुछ सालों पहले ये मशीन पर्सनल कंप्यूटर के रूप में हमारे घर में आई और आज ये हर घर ऑफिस की जरूरत के साथ, हमारी जिंदगी का हिस्सा बन चुकी है.

कंप्यूटर की परिभाषा क्या है?

विज्ञान के चमत्कार ने सूचना, संचार के क्षेत्र में मोबाइल, कंप्यूटर व इन्टरनेट के द्वारा बहुत बड़ा बदलाव किया है. विज्ञान के चमत्कार पर निबंध जानने के लिए पढ़े. इसके द्वारा मानव जाति की बहुत सी परेशानियाँ हल हो गई है. हमारे देश में कंप्यूटर का प्रयोग लगभग दो दशक से हो रहा है, इसके द्वारा भारत देश ने विकास के क्षेत्र में एक लम्बी छलांग लगाई है. कंप्यूटर के द्वारा हम बहुत से काम कर सकते है. इस छोटी सी मशीन में बड़े से बड़ा डाटा सेव हो सकता है, ऑफिस का काम आसानी से हो जाता है, इन्टरनेट के द्वारा दुनिया भर में किसी से भी बात कर सकते है, शॉपिंग कर सकते है, जानकारी इकट्टा कर सकते है, इसके अलावा भी बहुत से काम है जो कंप्यूटर करता है.

कंप्यूटर का इतिहास (Computer History) –

कंप्यूटर शब्द सबसे पहले 1613 में आया, जिसका अर्थ होता है गणना. 19 वी शताब्दी की शुरुवात में चार्ल्स बब्बगे ने पहला कंप्यूटर बनाया था, उन्होंने एनालिटिकल इंजन डिजाईन किया था, और कंप्यूटर का बेसिक फ्रेमवर्क तैयार किया था. इसी फ्रेमवर्क पर आगे चलकर कंप्यूटर की रचना को आगे बढ़ाया गया है. वैसे सही तौर पर कंप्यूटर का विकास तीन पीढ़ी में हुआ है, हर पीढ़ी एक निश्चित अवधि की थी. हर एक पीढ़ी के विकास के बाद हमें एक बेहतर, नया कंप्यूटर मिला है.

1937-1946 के बीच – 1937 में पहला डिजिटल कंप्यूटर डॉ जॉन वी अटनासोफ्फ़ और क्लिफोर्ड बेर के द्वारा बनाया गया था. इसे अटनासोफ्फ़ – बेर्री कंप्यूटर (ABC) नाम दिया गया. 1943 में इस इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर को कोलोसस नाम दिया गया, जिसे मिलिट्री के लिए बनाया गया. 1946 तक इस पर आगे काम चलता रहा और डिजिटल कंप्यूटर एवं नुमेरिकल इंटीग्रटर कंप्यूटर (ENIAC) बनाये गए. कहते है इस कंप्यूटर का वजन 30 टन था, इसमें प्रोसेसिंग के लिए 18 हजार वेक्कुम ट्यूब इस्तेमाल होते थे. इस समय के कंप्यूटर एक समय में एक ही काम कर पाते थे, साथ ही इसमें ओपरेटिंग सिस्टम भी नहीं था.

1947 -1962 के बीच – इस समय के कंप्यूटर में वेक्कुम ट्यूब की जगह ट्रांसिस्टर का उपयोग किया गया, जो ज्यादा विश्वसनीय था. 1951 में पहली बार कंप्यूटर को पब्लिक के सामने रखा गया, और इसका उपयोग सार्वजनिक कर दिया गया. 1953 में IBM ने 650 एवं 700 सीरीज के कंप्यूटर बनाये. इस समय के कंप्यूटर में करीब 100 तरह की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज डेवलप की गई, साथ ही इसमें मेमोरी और ओपरेटिंग सिस्टम भी था. स्टोरेज के लिए टेप, डिस्क थी, साथ प्रिंटर को भी कंप्यूटर से जोड़ा गया.

1963 – आज तक – इंटीग्रेटेड सर्किट ने कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी का निर्माण किया. इस उत्पत्ति के साथ कंप्यूटर का साइज़ छोटा हो गया, वो ज्यादा ताकतवर और रिलाएबल हो गया, इसके साथ ही अब लोग कंप्यूटर में एक समय में बहुत सारे काम कर सकते थे. 1980 में एम्एस डोस (MS-DOS) का निर्माण हुआ. 1981 में IBM ने घर व ऑफिस के लिए पर्सनल कंप्यूटर सबके सामने ले आया. इसके तीन साल बाद एप्पल (Apple) ने मैक (MAC) कंप्यूटर का निर्माण कर दिया और 90 के दशक में कंप्यूटर को विंडोस ओपरेटिंग सिस्टम (Windows oprating system) मिल गया.

आज कंप्यूटर दिन पे दिन तरक्की ही कर रहा है, ढेरों प्रोग्रामिंग लैंग्वेज आ चुकी है, जिस के द्वारा काम होता है. कंप्यूटर की जगह अब लैपटॉप आ गए है, जो छोटे और वजन में कम होते है, इसमें ओएस, बेटरी सब होती है. कंप्यूटर घर, ऑफिस के एक किसी कोने में रखे हुए होते थे, इन्हें यहाँ वहाँ ले जाना मुश्किल होता था, लेकिन लैपटॉप को कही भी किसी भी जगह बैठकर इस्तेमाल किया जाने लगा|

भारत में पहला कंप्यूटर (First computer in India) –

भारत में पहला कंप्यूटर 1956 में 10 लाख रुपय में आया था. यह HEC 2M कंप्यूटर था, जिसे कलकत्ता के एक इंस्टिट्यूट में लगाया गया था.

कंप्यूटर की मानव जीवन में उपयोगिता (Importance and advantages of computer in our life) –

कंप्यूटर का प्रयोग आज सभी तरह के ऑफिस में होता है, इससे आर्थिक स्थिति में सुधार आ रहा है.

जनसँख्या वृद्धि के कारण समस्याएं भी बढ़ी, इनमें से एक थी, गणना की समस्या. पहले तो उँगलियों में गिनती हो जाती थी, लेकिन जनसँख्या बढ़ने से ये समस्या हर तरह आने लगी. कंप्यूटर ने समस्या सेकंड में सुलझा दी. कंप्यूटर के द्वारा बड़ी से बड़ी गणना होने लगी. जनसँख्या वृद्धि के कारण समस्याएं पर निबंध जानने के लिए पढ़े.

कंप्यूटर के आने से इन्टरनेट आ पाया. बिना कंप्यूटर के ये भी नहीं आ पाता. 1969 में पहली बार अमेरिका में इन्टरनेट आया था. 1990 में इसे औपचारिक किया गया और इसका प्रयोग व्यक्तिगन एवं व्यापारिक केंद्र में भी होने लगा. इन्टरनेट ने आज मानव जीवन को सुविधा दे दी है.

इन्टरनेट में दुनिया भर का खज़ाना है, यहाँ पूरी दुनिया की खबर समाहित है. पहले किसी जानकारी के लिए पुस्तक का सहारा लिया जाता था, लेकिन अब इन्टरनेट में जाकर सब मिल जाता है.

कम्प्युटर के नुकसान – Disadvantage of Computer in Hindi

विवेक क्षमता का अभाव

मानव पर निर्भर

वातावरण

भावनाएँ नहीं

साईबर हमला का खतरा

कहा जाता हैं कि जिस चीज में अच्छाई होती हैं उसमे बुराई भी होती हैं. इसी तरह फायदे के साथ नुकसान भी होता हैं. ये दोनों चीजे एक सिक्के के दो पहलु होते हैं. नीचे हम आपको कम्प्युटर की कुछ हानियाँ बता रहे हैं.

No Intelligence – विवेक क्षमता का अभाव

Computer में बुद्धि नही होती हैं.

Computer एक Dub Machine होती हैं. जो सोच नही सकती हैं.

ये सिर्फ दिए गए निर्देशों का पालन कर सकते हैं. मगल कोई निर्णय नही ले सकते हैं.

Human Dependency – मानव पर निर्भर

स्वाचालिता इसकी एक विशेषता होती हैं. मगर ये सिर्फ मानव द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन ही कर सकता हैं.

कम्प्युटर अपने आप कोई कार्य नही कर सकता हैं.

ये कोई भी कार्य के करने के निर्देशों के लिए हम इंसानों पर ही निर्भर रहता हैं.

Environment – वातावरण

Computer को कार्य करने के लिए साफ-सुथरे वातावरण की जरूरत पडती हैं.

धूल भरी जगह अप्र इसकी कार्यक्षमता प्रभावित होती हैं और ये कार्य करना बंद भी कर सकता हैं.

No Emotions – भावनाएं नही

Computer एक Electronic Device होता हैं. जो बेजान उपकरणों से बनता हैं.

कम्प्युटर में हम इंसानों की तरफ Feelings, Emotions नही होते हैं.

Cyber Security Problems – साईबर हमला का खतरा

कम्प्युटर पर बहुत सारे साईबर हमलों का खतरा हमेशा मंडराता रहता है.

वायरस, मैलवेयर, पासवर्ड चोरी करना, पेमेंट डिटैल्स चुराना, निजी डेटा चुराना आदि नुकसान साईबर हमलों के जरिए आसानी से किए जा सकते है.

साथ ही कम्प्युटर का सारा डेटा डिलिट या फिर क्षति ग्रस्त किया जा सकता है.

हैकर्स हमारे कम्प्युटर को अपने नियंत्रण में लेकर कुछ भी कर सकते है.

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