चांदनी रात में तारों की छांव में ।

चांदनी रात में तारो की छांव में उसी का दीदर मुझे होता है ।

उससे मिलने की ख्वाईश हो दिल में, वही मेरे पास होता है ॥

 चांदनी रात में तारो की छांव में --- - - - - - - - - - - -

मेरे नसीब की इन्तहा देखो ' चाह कर भी पा सके जिसे

वही में रूह में हर पल वही मेरे लबों की हँसी होता है। 

चांदनी रात में तारो की छांव में - - - - - - - - - - - - - -

जब भी जुदाई की घडियां मुझे रुलाती है। तन्हाई मुझे सताती है । मेरी आंखों से गिरने वाला  आंसू  भी वही होता है ॥

चांदनी रात में तारो की छांव में - - - - - - - - - - - - - - - 

कयामत तक मेरी आह निकलती रहेगी . उसी को पाने के लिये तडपती रहेगी | मेरी दुआओ में उसी का नाम होता है ॥

चांदनी रात में तारो की छांव में - - - - - - - - - - - - - - -

खुदा भी सुनकर मेरी फरियाद को पूरी ना कर सका।

अधुरी कहानी को पूरा करने का हकदार मेरे लिये खुदा होता है ॥

चांदनी रात में तारो की छांव में - - - - - - - - - - - - - -

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