विख्यात नदियों में से एक नारायणी नदी जहां मिलते हैं शालिग्राम के पत्थर

कुशीनगर, हिमालय पर्वत श्रृंखला के धौलागिरि पर्वत के मुक्तिधाम से निकली गंडक नदी गंगा की सप्तधारा में से एक है। नदी तिब्बत व नेपाल से निकलकर उत्तर प्रदेश के महराजगंज, कुशीनगर होते हुए बिहार के सोनपुर के पास गंगा नदी में मिल जाती है। इस नदी को बड़ी गंडक, गंडकी, शालिग्रामी, नारायणी, सप्तगंडकी आदि नामों से जाना जाता है।नदी के 1310 किलोमीटर लंबे सफर में तमाम धार्मिक स्थल हैं। 

इसी नदी में महाभारत काल में गज और ग्राह (हाथी और घड़ियाल) का युद्ध हुआ था, जिसमें गज की गुहार पर भगवान कृष्ण ने पहुंचकर उसकी जान बचाई थी। जरासंध वध के बाद पांडवों ने इसी पवित्र नदी में स्नान किया था। इस नदी में स्नान व ठाकुर जी की पूजा से संसारिक आवागमन से मुक्ति मिल जाती है।

 

वृंदा के श्राप से पत्थर हो गए थे भगवान

गंडक नदी व भगवान के पत्थर बनने की बड़ी रोचक कथा वर्णित है। शंखचूड़ नाम के दैत्य की पत्नी वृन्दा भगवान विष्णु की परम भक्त थीं। वे भगवान को अपने हृदय में धारण करना चाहती थी। पतिव्रता वृन्दा के साथ छल करने के कारण वृंदा ने भगवान को श्राप देते हुए पाषाण (पत्थर) हो जाने व कीटों द्वारा कुतरे जाने का श्राप दे दिया था। भक्त के श्राप का आदर कर भगवान पत्थर रूप में गंडक नदी में मिलते हैं।  भगवान विष्णु के जिस शालीग्राम रूप की पूजा होती है वह विशेष पत्थर (ठाकुर जी) इसी नारायणी (गंडक ) में मिलता है।

धार्मिक महत्व

हिंदू शास्त्रों के अनुसार, तुलसी देवी जो स्वयं लक्ष्मी के वंशज हैं, ने गंडकी नदी का रूप धारण किया और उनके बाल तुलसी के पौधे बन गए। देवी तुलसी (जालंधर की पत्नी) द्वारा शापित होने पर भगवान विष्णु ने शालिग्राम का रूप धारण किया और गंडकी नदी के तट के पास निवास करते हैं। चूँकि भगवान विष्णु ने देवी तुलसी को अगले जन्म में और हमेशा के लिए अपनी पत्नी बनने का आशीर्वाद दिया था, तुलसी और शालिग्राम के बीच विवाह समारोह को हिंदू धर्म के शुभ समारोहों में से एक माना जाता है। यह 'तुलसी शालिग्राम विवाह' महोत्सव, हमारे महान पुराणों के तुलसी, जालंधर और विष्णु की कहानी, तुलसी का महत्व और शालिग्राम सभी किसी न किसी तरह गंडकी नदी से जुड़े हैं।

Comments

You must be logged in to post a comment.

About Author
Recent Articles
Apr 23, 2024, 7:56 PM Faiz
Apr 22, 2024, 9:57 PM gokul
Apr 22, 2024, 5:58 PM pedro o alexander
Apr 22, 2024, 12:22 PM Shilpa Biswas
Apr 22, 2024, 5:18 AM pedro o alexander