मायका यह एक शब्द नहीं है
ये एक एहसास है
जहां मैं पाली बरही हूं
जहां मेरा बचपन गुजरा है
आज हो घर पराया हो गया है
वह घर मेरे लिए एक यादें बन गई है
जहां मैं बचपन से पली-बढ़ी पैदा हुई
हरपल वो याद आता है
आंखें भर आती है जब
याद आती है मायके की
किससे कहूं कैसे कहूं
इस मायके में ना
अपना कोई ठिकाना रहा
याद आती है मायके की
इस एहसास को कैसे संभालूं
इस दर्द को कैसे संभालो
बहुत मुश्किल होता है
जब मायके की याद आए
और आप जानापावँ
जाने किसकी लग गई है नजर
अब ये मायका अपना पराया सा लगने लगा
हर लड़की का मायका ऐसा ही होता है
बेटियों की यादें कुछ ऐसी ही होती है
मायका बुला रहा है मुझे
बचपन की यादें बुला रहे हैं मुझे
जहां पैदा हुए बचपन से खेला खुदा
वो मायका बुला रहा है मुझे
मायके जाती के साथ
उन सवालों से डर जाती हूँ
बेटी! कब जाओगी
मायका बुला रहा है मुझे
ससुराल में कितना भी प्यार मिले
मायके की गलियां याद आती है
आंखें भर आती है,मायके याद आती है
मायका बुला रहा है मुझे
मायके जाती रिश्तेदार के सवाल,
झेरती मुझे हर पल,
कितने दिन के लिए आइ हो,
कब आएंगे जमाई बाबू तुम्हें लेने,
ओंठ सोज जाती हैं, आंखें भर आती हैं
मां की आंचल याद आती है,
बापू जी का आशीर्वाद या द आता है,
मुझे मायके याद आ रहा है
Bushra Jamal
पराया मायका
हाथ पकड़कर चलना सिखाया।
जिन्दगी जीने का मार्ग दिखाया।
जुडी थी उनसे खुशिया सारी,
कर दिया मुझे पराए का।
अपना घर अब कहने को बस,
रह गया है मायका।
अपनी होकर भी रही न अपनी।
कहलाती अब किसी की पत्नी।
जाती जब उनसे हूँ मिलने,
करते व्यहवार महमानो सा।
अपना घर अब कहने को बस,
रह गया है मायका।
मैने कोई गुनाह न की थी।
खुले आखो से सपने बुनी थी।
तोड वो सपने चूर चूर कर,
थमा दिया हाथ सिरताज का।
अपना घर अब कहने को बस,
रह गया है मायका।
मेरा मायका
बहुत आती है उनकी यादे,
जिनसे दुनिया मैने देखी थी।
भर आती थी आखे मेरी,
जब जब मिलने जाती थी।
पैदा होते ही हुई पराई
पराई धन मे बाट दीया।
बेगानो को अपनाने पर भी
रत्तीभर ना खुशी मिला।
मन होने पर मिल ना पाऊ
मायका बहुत ही दूर थी।
ऐसा ससुराल पाया मैने
मन के हाथो मजबूर थी।
छोड आई बाबुल का अंगना
कहा- है तू पराए का।
ऐसा पराया किया मुझे की
अपना घर बन चुका मायका।
Seema
मायका जहां हर बेटी का बचपन है गुज़रा....
उतना आसान नहीं भुलाना वो आंगन, खिलौना,वो सपना सुनेहरा।
खट्टी-मीठी यादें होती है जुड़ी मायके से....
तभी तो अलग ही बयां है बेटी के प्रति मां-बाप के प्यार के अनोखे ज़ायके से।
प्यारी होती है हर मां के लिए उनकी बेटी की सुंदर गुड़िया,
क्युकी उसी में निहित है सुनेहरे यादों की पुड़िया।
हर बेटी के लिए होता है मायका उसका राज महल....
क्युकी यही बिताए है उसने अपनी बचपन के चहल-पहल।
हर बाप के लिए होती है बेटियां जीने की वजह,
इसलिए सदैव बनाकर रखती है वो बाप के दिल में अपनी जगह।
जैसे चांद को एकटक निहारता है चकोर....
वैसे ही मां- बाप भी बेटी को सुंदर दुल्हन की रूप में देखकर होजाते हैं भाव-विभोर।
बेटी की ख्वाहिश पूरी करने के लिए बाप बन जाता है घोड़ा,
विदाई के बाद बन जाता है वो आंगन कागज़ सा कोरा।
मायके में अधिकतर समय है बीते, मां की कहानियों के रस का करके आस्वादन ....
उनसे अलग होने पर व्याकुल होजाएंगे हम दोनों का ही मन।
जब विदा कर ले जाती है बेटी को पालकी,
तब मां-बाप के अश्रु रुके नहीं रुकते क्युकी है बेटी शिरोमणि अपने कुल की।
बेटी का मन होता है बिल्कुल नादान....
पिता का मन भर आता है करते हुए कन्यादान।
बहुत याद आती है मायके की खट्टी अचार....
पर ससुराल के प्रति कर्तव्यों से बंधी हूं मैं लाचार।
ऊंगली पकड़कर उन्होंने ही हमें चलना सिखाया था,
कंधे पर बिठाकर यह सुंदर संसार भी उन्होंने ही हमें दिखाया था,
लेकिन अब उन्हीं की ऊंगली छोड़कर जाना है हमें क्युकी कर्तव्यों का निर्वाह करना भी तो उन्होंने ही सिखाया था।
अब ना रहेगी मायके की वो रौनक....
धुंधली पर जाएगी खुशियों की वो ऐनक।
बेरंग होजाएगी अब होली,
क्युकी मायका छोड़ गई हमारी अमोली।
यादें जब करवटें लेती है तो स्मरण आता है मायके का वो झूला....
झूलती रहती थी जिसमें सारे चिंताओं को दिया था मैंने भुला।
मां झूले में झुलाकर बोलती थी, लाऊंगी मैं तेरे लिए सुंदर सा एक दूल्हा।
कभी सोचा है बेटी को कितनी तकलीफ़ होती होगी,
जो अपनी मां-बाप को छोड़कर दूसरे का घर बसाती होगी।
इसलिए हमेशा करो बेटियों का आदर
क्युकी वो बेटी, बहन, पत्नी, मां बनकर सबकी भावनाओं की करती है कदर।
-- By Ayushi Bhaduri
Daughters are pearls
In the house of happines
Shines with blissfulness
With rays of positivity
She spread in life elegance and felicity
With sparkles of truth and elatio
With lots of trust, faith and exhilaration
She makes my life satisfied and strong
And give me serene satisfaction for long
She is the picture of patience
She brings all joy and remove tension
She possess quality of sublimity
With all truth and morality
She is full of amiability
Possess all capability and prosperity
She possess a feeling of kindness,care and glee
Her joy and delight will never flee
She possess a feeling of love and pride
She moves ahead with the stride
Daughters are exuberant pearls
And bring in life lustrous miracles
Bhoomika Sharma.
जीवन में खुश रहे बेटियाँ
नहीं रहे जीवन में शूल,
हर पथ पर रहे जो बिखरे फूल।
जीवन में खुशियों का पल हो,
मिले वह आँगन बहारों सा वो।
वह स्वप्न वह राह,
वह दुनियाभर में खुश रहे बेटियों की चाह।
वह दिल का टुकड़ा बनकर,
वह पुष्प खुशी के बिखेरकर।
सत्कर्म की राह पर चलकर,
अच्छाई पा जाती हर।
वह जीवन में है कुछ खास,
दर्पण में खुशियों का प्रतिबिंब हो पास।
गमों को मुस्कान में बदलकर,
जिंदगी की राह पर चलकर।
अपनी आत्मशक्ति को पहचानकर,
जीवन अच्छाई के साथ सँवारकर।
शांति के उस असीम जीवन में,
हृदय की कोमलता के साथ में।
आशाएँ अपनी जीवित रखकर,
हमेशा बढ़कर पथ पर,
सच्चाई से जीवन जी कर।
वह सुनहरा पल जी कर,
वह सलोना पल जी कर।
भूमिका शर्मा
मेरी मां बडी भोली है ,
क्या सबकी मां ऐसी होती है.
पीहर आई बेटी को देख मां अपनी आंख भिगोती है,.
खुशी के मारे सारे अरमान संजो लेती है.
💖
चार दिन की महेमान ही सही पर ,
बेटी दिल की सुनती है.. 💖
मां को भरोसा बेटी प
दिल का बोज बेटीयां ढो लेती है.. 💖
मेरी मां बडी भोली है ,
क्या सबकी मां ऐसी होती है.. 💖
बेटी जब तक मायके में ,
रसोई में उसकी पंसद ही चलती है.. 💖
भाभीओं को
बेटी की सेवा में जूटा लेती है.. 💖
ससुराल में थक कर आई होगी ,
कुछ भी वो करने नही देती है,. 💖
अपने तन को दुःख देकर ,
सारा घर सर पर उठा लेती है.. 💖
मेरी मां बडी भोली है ,
क्या सबकी मां ऐसी होती है.. 💖
भाईयों का ढेर सारा प्यार
बहन पे लूटता देख
मां चैन की सांस भर लेती है ,. 💖
पापा की लाडली को हँसते देख मां भी मुस्करा लेती है... 💖
पोते - पोती को फुसलाकर दोईते को खिलौने दिलाती है.. 💖
कुछ दिन के महेमान अपने कहकर सारा प्यार लूटा देती है..
मेरी मां बडी भोली है
क्या सबकी मां एसी होती है.. 💖
विदाई की घडी जो आए बेटी का ,
उदास मन को कर लेती है.. 💖
पापा ने शगुन में दिए २१
मां चुपके से ११०० और थमा देती है.. 💖
मेरी मां बडी भोली है ,
क्या सबकी मां एसी होती है.. 💖
सुखी सब्जी लेजा बेटी ,
आचार और छुंदा भी बनाया.. 💖
बेटी का हर खयाल वो रखती है
किसी चीज की कमी न पडे बेटी को चाहे खुद सब सह जाती है.. 💖
मेरी मां बडी भोली है ,
क्या सबकी मां एसी होती है.. 💖
मन को मेरे पिघलाते है
जब आंसु उसके बहते है.. 💖
पलके मेरी भीगी देख ,
चूप रहने का ढोंग भी कर लेती है.. 💖
कहते है पापा की परी होती है बेटियां
पर हर मां यह कहती है.
चाहे कोई कुछ भी कहे
बेटी मां का आईना होती है... 💖
बेटी मां का आईना होती है...
ईस आईना में वो अपने आप को ढुंढ लेती है.. 💖💖,
मायका क्या है ??
एक ऐसी जगह जहां जब तक रहते है उसकी कीमत पता नहीं रहती
एक ऐसी जगह जो पैसे देकर खरीदी नहीं जा सकती
एक ऐसी जगह जहां हमसे कोई उम्मीद ही नही रखता
एक ऐसी जगह जहां कोई ज्यादा एक दूसरे से नाराज नही रह सकता
एक ऐसी जगह जहां हम कभी अकेला महसूस नहीं करते
एक ऐसी जगह जहां रोना हंसना खेलना खाना पीना हम कुछ नहीं करते
एक ऐसी जगह जिसकी कीमत ससुराल वाले कभी नहीं चूका सकते
एक ऐसी जगह जिसकी अहमियत सिर्फ़ बेटियां समझ सकती
एक ऐसी जगह जहां मां नहीं तो कुछ नहीं
मायका हर बेटी के लिए उसका स्वर्ग होता है
Ishita Garg
बेटियां
मां की दुलारी
पापा की राजकुमारी
होती हैं ये बेटियां
घर की रौनक और
आंगन की किलकारी
होती हैं ये बेटी या
बेटी हैं शान बाप का
बेटी हैं गुरु र बाप का
बेटी हैं आबरू मां का
बेटी हैं मान मां का
बेटी से से हैं हर घर गुलशन
बेटी हैं तो घर हैं रोशन
मां की सहेली
पापा की चहेती
ऐसी होती हैं ये बेटी या
बयाह जाने के बाद भी
खुद को जोडे़ रहती हैं
मायके से सदा ही
पिता के सुख की चाहत
सहेजती हैं ये बेटियां
मां की सहेली बन हर
दुख बाट लेती हैं बेटियां
बहुत ही खूबसूरत सा
रिश्ता हैं बेटी और मां का
सबको एक दूसरे से
जोड़े रखती हैं ये बेटीयां
शक्ति की बात हो
या नरमी की बात
बेटियां देती हैं सदा
सबका ही साथ
ऐसी होती है बेटियाँ।
सुरंजना पांडेय
*मायका*
मायके जाती हुं तो मेरा
पैक बैग ही मुझे जैसे चिढाता है
गिनती के दिन ही रहने है
अब तुम्हे यहां अक्सर
ये बात कह जाता है मुझे
अपने ही कमरे को जब
निहारती हु तो वो गैरो
सा बर्ताव करता है जैसे
पडोसी अगल बगल के
सब मिलने आते है मुझसे
पूछते है कि मुझसे ज
कब आयी हो बिटियां
और कब जाना है
रहना है कि कुछ दिन
की बस चले जाना है
ये बात कह वे मु
एक घाव सा दे जाते है
मायके जाने पर सब यू
आवभगत में लग जाते है
जैसे मै मेहमान हुं
इस घर की मै
दो चार दिन यूं कैसे
तेजी से निकल जाते है
बीत जाते है इतनी जल्दी ये
समझ भी नही पाती हुं कि
तब तक विदाई की बेला
आ जाती है नजदीक
सब कोई यूं तैयारी में
जुट जाता है कि
मम्मी अलग सामान
सहेजती है और डैडी
अलग से सामान तैयार करते है
सोचती हुं कभी इसी आंग
की पौध थी मै कभी
आजाद चहकती
हर कही अब उसी
पौध को किसी और के
आंगन में रोप दिया गया है
जिम्मेदारियो के रुप में वो पौधा
अब बड़ा हो गया है जैसे
सासर पहुंचने पर जब स
पूछते है क्या क्या मिला विदाई
में तो बस आंखे भर आती है
उन्हे ये बात कैसे समझाऊ
कि मायके जा के मैने क्या पाया
पुराने दिनो की बाते और यादो
को सहेजा और जिया है मैने
जो सबसे अनमोल है मेरे लिए
मायका होता है हर
बेटी के लिए अनमो
जिसका लगा ना सकता
कोई भी तो मो
अब पराई हो गयी हूँ मैं
उस घर के लि
ये बात मैं अच्छे से जानती हुं
मां बाप ने ब्याह दिया सौप दी
बागडोर अपने ही हाथो से जाओ
बेटा बखुबी संभालना
अब अपने नये घर
कभी शिकायत का
तुम मौका ना दे
ये बात हरदम समझाते है
खुश रहो अपनी दुनिया में सदा
ये आर्शीवाद सा दे जाते है
सुरंजना पाण्डेय
1.Life that can end with memories
In the vault of my hea
Memories of your lif
Definitely store and protec
Someday you will be in my lif
But that the revenue light is flashin
Your memories that I saved toda
All are saf
That vault in the heart vaul
The key to unlocking is that you ear
But neo is someone else's ke
You went to open the memoria
Nano saves your memorie
To the holding memory bo
I still suffer without key
Reluctant to open the copy ke
My with your memories foreve
I end life.
2.I will wa
Equivalent to destroying a cultivated pla
Equivalent to destroying domesticated sheep, cows, and chicken
Small saving
Equal to lost in the minut
The love I put on yo
The love that nurtures over tim
You go with the break in the minut
Only time will tel
I will always wait with your memorie
For this your dear lover .......................
3.Suffering and pulse are all that remai
Like a matchbox and a matchsti
Like the quill and the voic
Like the lion and the valian
Like the sea and the wave
Like degree and threa
Like the plant and the roo
Like Parrot nos
Both minds of lover
Harmoniously combine
Should be Pleasure abounds an
Heals If no
Suffering and pulse are all that is left ......
4.Mira
To develop a lo
Many periods are require
To break the same lov
Just a few minutes is enoug
The mind for al
The reason is like this at the minut
Dynamic unstable huma
Of the Desert of Lov
Equivalent to Mirage.........
MUTHUKUMARAN.
Bachpan se lekr aaj tak,
Mere baabul ke palkhon par pali hun,
Dard, peedha in sab se koson pare hun,
Aaj bhi yahan khushiyan manayi jaarhi hain..
Kuch din me mai vida jo horahi hun..
Mann bhaari hai babul ka, chehre par phir bhi muskaan hai..
Ke beti toh parayi hoti hai, yahi sansar ka niyam hai..
Jisne mera hath na kabhi choda,
Aaj uska sath chodne ki taiyari hai..
Jis ghar me daudke kabhi school se wapsi kar aati thi,
Us ghar se aaj vidaai hai..
Aakho me aansu jinke,
Meri maa gale lagayi hain,
Jaane se pehle wapas aane ki aas me,
Mere Papa mere bhai hain..
Maayka
Vo chokhat jaha bachpan bita
Kitni masti ..kitne nakhre kiye
Dheer saari khushiyan paayi..
Har ek pal mein yaadein samoj ke rakhi..
Maa baap ka pyaar..
Bhai behno ka saath..
Vo pyaara sa bachpaan..
Mera ghar,mera kaamra,mere khilone..
Sawan aya ki maayke jaane ki talap hoti..
Maayke jane k khushi se dil khush hota..
Vo gali se jaate huye sab pal yaad ate..
Ghar jate hi aakhein naam ho jati..
Saalo ke baad ek sath milna..
Maayke mein apne naam se jana jata..
Ek sukkun sa aajata..
Vahi bachpan vala pyaar milta..
Sasural kitna bhi accha ho...
maayke ka pyaar alag lagta..
Maayke ki yaad jarur ati..
Bass yahi duaa hai ...
Har saal mayke mein intezzar ho mera..
Pyaar bana rahe sada..
Papa k ghar yaadein saazi ho.
HEENA UDHANI
Kaun hai woh, kisne yeh reet banayi
Kuch saalon tak apni hai phir ho jaati hai parayi
Koi kabhi unse bhi pucho chahti kya woh yeh Bidaai hai?
Jis ghar mein uska bachpan beeta har kone mein apni yaadein basayi hai,
Jis dahleez ke andar usne apne sapno se bhi ki ladai hai ,
Kyu us dahleez ko laangh jaana ghar kyu paraaye hain,
Koi kabhi unse bhi pucho chahti kya woh yeh Bidaai hai ?
Jis Maa ke aanchal ki chaav mein wo pali badhi hai,
Jis Pita ki ungli pakad kar usne chalna seekha hai,
Kyun us ghar ko apnana jahan log bhi anjaane aur diwaarein bhi paraayi hain,
Koi kabhi unse bhi pucho chahti kya woh yeh Bidaai hai ?
*बेटी से बहु तक का सफर*
शादी से पहले खुले बाल रखने वाली लड़की
सुना है " अब लंबे पल्लू रखने को मजबूर हैं "
बहन से दिन भर झगड़ने वाली लड़की
सुना है " अब ननद के ताने बिना कुछ कहे सुन लेती है
शादी से पहले भाई से खूब लड़ने वाली लड़की
सुना है " अब भाई की आवाज़ सुनने को तरस जाती हैं "
शादी से पहले खुल कर रोने वाली लड़की
सुना है " अब पति के सामने आते ही आसूं पी जाती हैं "
शादी से पहले Insta, Facebook पर हर अपडेट share करने वाली लड़की
सुना है " अब अपना फ़ोन चार्जिंग पर ही लगाना भूल जाती हैं "
शादी से पहले papa ki pari थी जो लड़की
सुना है " अब ससुर के सामने बात रखने से पहले 10 बार सोचती हैं "
शादी से पहले मम्मी को 1000 नखरे दिखाने वाली लड़की
सुना है " अब सास की पसंद की भद्दी साड़ी भी खुशी खुशी पहन लेती हैं "
सुना है …
सुना है…
RAJAT GUPTA
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