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भारत बंद -भारत बंद 01/05/2023  

पूरा पढ़े -पूरा पढ़े 

 

*हिन्दूओ पहले ट्रेनों के नाम होते थे* ..

निजामुद्दीन एक्सप्रेस.. 

गरीब नवाज. 

हजरतगंज..

अब होते हैं ...

*रामायण एक्सप्रेस* ... 

*वंदेभारत एक्सप्रेस* ....

*महाकाल एक्सप्रेस* .....

फर्क साफ है 

समझने वालो के लिए

 

अभी शिवरात्रि के होने से 

कल काशी से...

एक ट्रेन का 

उद्घाटन माननीय 

प्रधानमंत्री जी ने किया 

जिसका नाम *महाकाल🚩 एक्सप्रेस* रखा गया ,

इस ट्रेन में 

भगवान शिव के लिए कोच ..

B 4 में 64 नंबर की बर्थ आरक्षित...

 

सीट पर शिव मंदिर बनाया गया

तीनों ज्योतिर्लिंगों को 

जोड़ने वाली 

काशी-महाकाल एक्सप्रेस..

 

ये तीन धार्मिक स्थानों को 

जोड़ेगी- 

*वाराणसी में काशी विश्वनाथ*

*उज्जैन में महाकालेश्वर*

और

 *इंदौर के पास ओंकारेश्वर* 

 

अभी मोदी को 

समझना सब कि बस की बात नहीं

  

मोदी को बहुत संघर्ष करना होगा 

और मोदी संघर्ष कर भी लेगा, 

परन्तु इस देश वासियों को 

खासकर हिन्दुओं को 

मोदी के साथ डट कर खड़ा रहना होगा

 

*हिन्दूओ मोदी चाहता है भारत के हिंदू 01-05-2023 को सङको पर उतरकर हिन्दूराष्ट्र की मांग करे*

 

*हिन्दूओ द्वारा पहली बार धर्म की लड़ाई का ध्वज उठाया है पुरी दुनिया की निगाहे 01-05-2023 के भारत बंद की सफलता पर टिकी है हिन्दूओ का एक ही सपना भारत हिन्दूराष्ट्र हो अपना सभी धार्मिक संगठनो द्वारा भारत बंद का ऐलान किया गया है हर सनातन धर्म के भाई बहनो का पूर्ण सहयोग होगा एक दिन का बंद हिन्दूओ का भविष्य तय करेगा*

 

 

*मंदिर टूटे कोई नहीं बोलता*

*गौ हत्या होती है कोई नहीं बोलता*

। 🚩🚩*

 

*भारत को हिन्दूराष्ट्र घोषित करवाने के लिए 01-05-2023 को सम्पूर्ण भारत_बंद रहेगा*

*🌻 सबकी अपनी-२ व्यथा🌻*

एक बार एक व्यक्ति के जेब में दो हजार रूपये 🌷(2000/-) का नोट एवं एक रूपये का सिक्का एक साथ हो गए...*

 

सिक्का अभीभूत होकर दो हजार के नोट को देखे 🌷जा रहा था...

 

नोट ने पूछा - इतने ध्यान से क्या देख रहे हो ?

 

सिक्का ने कहा - आप जैसे इतने बड़े मूल्यवान से 🌷कभी मिले नही इसलिए, ऐसे देख रहा हूँ, आप जन्म से अभी तक कितना घूमे फिरे होगे ? आपका मूल्य हमसे हजारों गुना जादा है आप 🌷कितने लोगों के उपयोगी हुए होगे।

 

नोट ने दुखी होकर कहा - तुम जैसा सोचते हो ऐसा कुछ 🌷भी नही है। मै एक उद्योगपति की तिजोरी मे कई दिनों तक कैद था। एक दिन उसने🌷 टैक्स चोरी से बचने के लिए घूस के रुप में मुझे एक 🌷अधिकारी के हवाले कर दिया।

मैने सोचा चलो कैद से छूटे। अब तो किसी के उपयोगी 🌷होगें पर उसने तो मुझे बैंक लाकर मे ही कैद कर दिया। महीनों बाद अधिकारी ने 🌷बंगला खरीदने में, हमें बिल्डर के हाथों मे सौप दिया। उसने हमे एक बोरा मे बांधकर 🌷 एक अंधेरी कोठरी मे बंद कर दिया। वहां तो हमारा श्वांस फूलने लगा और तड़फता रहा। किसी तरह अभी कुछ 🌷 दिन पहले मै इस व्यक्ति के जेब मे पहुंचा हूँ। सही बताऊं तो पूरी जिन्दगी जेल मे🌷 कैद की तरह रहा।

 

नोट ने अपनी बात पूरी कर सिक्के से पूछा दोस्त तू 🌷बता जन्म से अब तक कहां कहां घूमा फिरा किससे🌷 किससे मिले..?

 

सिक्का ने घबड़ाते-घबड़ाते कहा-दोस्त.. मैं अपनी 🌷क्या बात कहूँ..? एक जगह से दूसरी जगह तीसरी चौथी बस सतत घूमते-फिरते ही 🌷रहे! कभी भिखारी के कटोरे से बिस्कुट वाले के पास तो कभी बच्चों के पास से 🌷चाकलेट वाले के पास पवित्र नदियों मे नहा कर, तीर्थ स्थल मे तीर्थ कर आए वहां प्रभु चरणों मे जगह मिली तो कभी 🌷आरती की थाली में घूमें और खूब मजा किया और जिसके भी पास गए सबको मजा 🌷करा रहा हूँ...

 

सिक्का की बात सुनकर 🌷 नोट की आँखें भर आई।

 

*सार:- आप कितने बड़े हो ये महत्व नहीं रखता, 🌷महत्वपूर्ण यह कि है कि आप दूसरों के लिए कितने 🌷उपयोगी हो......!! वो हाथ सदा पवित्र होते है, जो प्रार्थना से ज्यादा🌷 सेवा के लिये उठते हैं।*

 

😊 *बढ़ती उम्र में इन्हें छोड़ दीजिए।।* 😊

एक दो बार समझाने से यदि कोई नही समझ रहा है तो सामने वाले को समझाना ,

             🙏🏼 *छोड़ दीजिए* 🙏🏼

 

बच्चे बड़े होने पर वो ख़ुद के निर्णय लेने लगे तो उनके पीछे लगना ,

             🙏🏼 *छोड़ दीजिए।* 🙏🏼

 

गिने चुने लोगों से अपने विचार मिलते हैं, यदि एक दो से नहीं मिलते तो उन्हें ,

              🙏🏼 *छोड़ दीजिए।* 🙏🏼 

 

एक उम्र के बाद कोई आपको न पूछे या कोई पीठ पीछे आपके बारे में गलत कह रहा है तो दिल पर लेना ,

             🙏🏼 *छोड़ दीजिए।* 🙏🏼 

 

अपने हाथ कुछ नहीं, ये अनुभव आने पर भविष्य की चिंता करना ,

              🙏🏼 *छोड़ दीजिए।* 🙏🏼 

 

यदि इच्छा और क्षमता में बहुत फर्क पड़ रहा है तो खुद से अपेक्षा करना ,

           🙏🏼 *छोड़ दीजिए।* 🙏🏼

 

हर किसी का पद, कद, मद, सब अलग है इसलिए तुलना करना ,

             🙏🏼 *छोड़ दीजिए।* 🙏🏼 

 

बढ़ती उम्र में जीवन का आनंद लीजिए, रोज जमा खर्च की चिंता करना ,

               🙏🏼 *छोड़ दीजिए।* 🙏🏼

 

उम्मीदें होंगी तो सदमे भी बहुत होंगे, यदि सुकून से रहना है तो उम्मीदें करना ,

                 *🙏 छोड दीजिए। 🙏*

 

मैसेज अच्छा लगे तो ठीक , न लगे तो फारवर्ड करने का विचार ,                             

          *🙏😊छोड़ दीजिये।*😊🙏

 

                 🌹🙏🌹

 

#पुराण v/s #इतिहास : #श्रद्धा v/s #तथ्य

एक कहानी मैंने बचपन में पढ़ी थी कि एक पंडितजी के घर में उनकी पहली संतान का जन्म होने वाला था। 

 

उनका नाम पंडित विष्णुदत्त शास्त्री था। पंडितजी ज्योतिष के प्रकांड विद्वान थे और उन्होंने दाई से कह रखा था कि जैसे ही बालक का जन्म हो नींबू प्रसूतिकक्ष से बाहर लुढ़का देना। 

 

बालक जन्मा लेकिन बालक रोया नहीं तो दाई ने हल्की सी चपत उसके तलवों में दी और पीठ को मला और अंततः बालक रोया। 

दाई ने नींबू बाहर लुढ़काया और बच्चे की नाल आदि काटने की प्रक्रिया में व्यस्त हो गई। 

 

उधर पंडितजी ने गणना की तो उन्होंने पाया कि बालक की कुंडली में पितृहंता योग है अर्थात उनके ही पुत्र के हाथों ही उनकी मृत्यु का योग है। 

 

पंडितजी शोक में डूब गए और अपने पुत्र को इस लांक्षन से बचाने के लिए बिना कुछ कहे बताए घर छोड़कर चले गए। 

 

सोलह साल बीते।

 

बालक अपने पिता के विषय में पूछता लेकिन बेचारी पंडिताइन उसके जन्म की घटना के विषय में सबकुछ बताकर चुप हो जाती क्योंकि उसे इससे ज्यादा कुछ नहीं पता था। 

 

अस्तु! पंडितजी का बेटा अपने पिता के पग चिन्हों पर चलते हुये प्रकांड ज्योतिषी बना। 

 

उसी बरस राज्य में वर्षा नहीं हुई। 

 

राजा ने डौंडी पिटवाई जो भी वर्षा के विषय में सही भविष्यवाणी करेगा उसे मुंहमांगा इनाम मिलेगा लेकिन गलत साबित हुई तो उसे मृत्युदंड मिलेगा। 

 

बालक ने गणना की और निकल पड़ा। 

 

लेकिन जब वह राजदरबार में पहुंचा तो देखा एक वृद्ध ज्योतिषी पहले ही आसन जमाये बैठे हैं। 

 

"राजन आज संध्याकाल में ठीक चार बजे वर्षा होगी।" वृद्ध ज्योतिषी ने कहा। 

 

बालक ने अपनी गणना से मिलान किया और आगे आकर बोला,"महाराज मैं भी कुछ कहना चाहूंगा।" 

 

राजा ने अनुमति दे दी। 

 

"राजन वर्षा आज ही होगी लेकिन चार बजे नहीं बल्कि चार बजे के कुछ पलों के बाद होगी।" 

 

वृद्ध ज्योतिषी का मुँह अपमान से लाल हो गया और उन्होंने दूसरी भविष्यवाणी भी कर डाली। 

 

"महाराज वर्षा के साथ ओले भी गिरेंगे और ओले पचास ग्राम के होंगे।" 

 

बालक ने फिर गणना की। 

 

"महाराज ओले गिरेंगे लेकिन कोई भी ओला पैंतालीस से अडतालीस ग्राम से ज्यादा का नहीं होगा।" 

 

अब बात ठन चुकी थी। 

 

लोग बड़ी उत्सुकता से शाम का इंतजार करने लगे। 

 

साढ़े तीन तक आसमान पर बादल का एक कतरा नहीं था लेकिन अगले बीस मिनिट में क्षितिज से मानो बादलों की सेना उमड़ पड़ी। 

 

अंधेरा सा छा गया। बिजली कड़कने लगी लेकिन चार बजने पर भी पानी की एक बूंद न गिरी। 

 

लेकिन जैसे ही चार बजकर दो मिनिट हुये धरासार वर्षा होने लगी। 

 

वृद्ध ज्योतिषी ने सिर झुका लिया। 

 

आधे घण्टे की बारिश के बाद ओले गिरने शुरू हुए। 

 

राजा ने ओले मंगवाकर तुलवाये। 

 

कोई भी ओला पचास ग्राम का नहीं निकला। 

 

शर्त के अनुसार सैनिकों ने वृद्ध ज्योतिषी को सैनिकों ने गिरफ्तार कर लिया और राजा ने बालक से इनाम मांगने को कहा। 

 

"महाराज, इन्हें छोड़ दिया जाये।" बालक ने कहा। 

 

राजा के संकेत पर वृद्ध ज्योतिषी को मुक्त कर दिया गया। 

 

"बजाय धन संपत्ति मांगने के तुम इस अपरिचित वृद्ध को क्यों मुक्त करवा रहे हो।"

 

बालक ने सिर झुका लिया और कुछ क्षणों बाद सिर उठाया तो उसकी आँखों से आंसू बह रहे थे। 

 

"क्योंकि ये सोलह साल पहले मुझे छोड़कर गये मेरे पिता श्री विष्णुदत्त शास्त्री हैं।" 

 

वृद्ध ज्योतिषी चौंक पड़ा। 

 

दोनों महल के बाहर चुपचाप आये लेकिन अंततः पिता का वात्सल्य छलक पड़ा और फफक कर रोते हुए बालक को गले लगा लिया। 

 

"आखिर तुझे कैसे पता लगा कि मैं ही तेरा पिता विष्णुदत्त हूँ।" 

 

"क्योंकि आप आज भी गणना तो सही करते हैं लेकिन कॉमन सेंस का प्रयोग नहीं करते।" बालक ने आंसुओं के मध्य मुस्कुराते हुए कहा। 

 

"मतलब"? पिता हैरान था। 

 

"वर्षा का योग चार बजे का ही था लेकिन वर्षा की बूंदों को पृथ्वी की सतह तक आने में कुछ समय लगेगा कि नहीं?"

 

"ओले पचास ग्राम के ही बने थे लेकिन धरती तक आते आते कुछ पिघलेंगे कि नहीं?" 

 

"और..." 

 

"दाई माँ बालक को जन्म लेते ही नींबू थोड़े फैंक देगी, उसे कुछ समय बालक को संभालने में लगेगा कि नहीं और उस समय में ग्रहसंयोग बदल भी तो सकते हैं और पितृहंता योग पितृरक्षक योग में भी तो बदल सकता है न?" 

 

पंडितजी के समक्ष जीवन भर की त्रुटियों की श्रंखला जीवित हो उठी और वह समझ गए कि केवल दो शब्दों के गुण के अभाव के कारण वह जीवन भर पीड़ित रहे और वह थे-- 'कॉमन सेंस'। 

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पुराणों के ऐतिहासिक अध्ययन में हम अधिकांश हिंदू कॉमन सेंस के अभाव में 'मूर्खताओं के लॉजिक्स' खड़े कर देते हैं और उसे 'आस्था' का नाम दे देते हैं जिसका कड़वा अनुभव मुझे अपनी पुस्तक #इंदु_से_सिंधु के रिलीज होने के समय हुआ जब एक दुष्प्रचार के कारण कई बंधुओं ने कॉमन सेंस के अभाव का परिचय दिया। 

 

बहरहाल एक उदाहरण और है। 

 

पिछले कई दिनों से आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस अर्थात AI द्वारा रामायण व पौराणिक विवरणों के आधार पर श्रीराम के इक्कीस वर्षीय चेहरे का निर्माण करने का प्रयत्न किया गया। 

 

लोग प्रसन्न भी हुये लेकिन लोग कॉमन सेंस के अभाव में यह देख पाने में असफल रहे कि AI द्वारा निर्मित चित्र पूरी तरह स्त्रैण है और एक सुंदर सी कन्या का भान होता है। 

 

मैंने इस चित्रात्मक सूचना में अपनी बुद्धि यानि ह्यूमन इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया और उसे पौरुषपूर्ण रूप दिया। 

 

इतिहास के संदर्भ में इस कॉमन सेंस को कहते हैं---#इतिहासदृष्टिबोध

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अब मेहरबानी करके मेरी शक्ल मत ढूंढने लग जाना। और विश्वास न हो तो अपना चेहरा लगाकर देख लो, फिट होता है या नहीं।

 

महत्वपूर्ण समाचार

SHARE करे और सबको भेजे 

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ये याद रखिये की भारत मैं सबसे ज्यादा मौते कोलस्ट्रोल बढ़ने के कारण हार्ट अटैक से होती हैं।

आप खुद अपने ही घर मैं ऐसे बहुत से लोगो को जानते होंगे जिनका वजन व कोलस्ट्रोल बढ़ा हुआ हे।

अमेरिका की कईं बड़ी बड़ी कंपनिया भारत मैं दिल के रोगियों (heart patients) को अरबों की दवाई बेच रही हैं !

लेकिन अगर आपको कोई तकलीफ हुई तो डॉक्टर कहेगा angioplasty (एन्जीओप्लास्टी) करवाओ।

इस ऑपरेशन मे डॉक्टर दिल की नली में एक spring डालते हैं जिसे stent कहते हैं।

यह stent अमेरिका में बनता है और इसका cost of production सिर्फ 3 डॉलर (रू.150-180) है।

इसी stent को भारत मे लाकर 3-5 लाख रूपए मे बेचा जाता है व आपको लूटा जाता है। 

डॉक्टरों को लाखों रूपए का commission मिलता है इसलिए व आपसे बार बार कहता है कि angioplasty करवाओ।

Cholestrol, BP ya heart attack आने की मुख्य वजह है, Angioplasty ऑपरेशन।

यह कभी किसी का सफल नहीं होता।

क्यूँकी डॉक्टर, जो spring दिल की नली मे डालता है वह बिलकुल pen की spring की तरह होती है।

कुछ ही महीनो में उस spring की दोनों साइडों पर आगे व पीछे blockage (cholestrol व fat) जमा होना शुरू हो जाता है। 

इसके बाद फिर आता है दूसरा heart attack ( हार्ट अटैक )

डॉक्टर कहता हें फिर से angioplasty करवाओ।

आपके लाखो रूपए लुटता है और आपकी जिंदगी इसी में निकल जाती हैं।

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               अब पढ़िए 

       उसका आयुर्वेदिक इलाज

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अदरक (ginger juice) - 

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यह खून को पतला करता है।

यह दर्द को प्राकृतिक तरीके से 90% तक कम करता हें।

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लहसुन (garlic juice) 

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इसमें मौजूद allicin तत्व cholesterol व BP को कम करता है।

वह हार्ट ब्लॉकेज को खोलता है।

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नींबू (lemon juice) 

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इसमें मौजूद antioxidants, vitamin C व potassium खून को साफ़ करते हैं।

ये रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity) बढ़ाते हैं।

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एप्पल साइडर सिरका ( apple cider vinegar) 

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इसमें 90 प्रकार के तत्व हैं जो शरीर की सारी नसों को खोलते है, पेट साफ़ करते हैं व थकान को मिटाते हैं।

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         इन देशी दवाओं को 

       इस तरह उपयोग में लेवें 

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1-एक कप नींबू का रस लें;

2-एक कप अदरक का रस लें;  

3-एक कप लहसुन का रस लें; 

4-एक कप एप्पल का सिरका लें; 

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चारों को मिला कर धीमीं आंच पर गरम करें जब 3 कप रह जाए तो उसे ठण्डा कर लें;

अब आप 

उसमें 3 कप शहद मिला लें

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रोज इस दवा के 3 चम्मच सुबह खाली पेट लें जिससे

सारी ब्लॉकेज खत्म हो जाएंगी।

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आप सभी से हाथ जोड़ कर विनती है कि इस मैसेज को ज्यादा से ज्यादा प्रसारित करें ताकि सभी इस दवा से अपना इलाज कर  सकें ; धन्यवाद् !

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जरा सोचिये की शाम के

7:25 बजे है और आप घर जा रहे है वो भी एकदम अकेले।

ऐसे में अचानक से आपके सीने में तेज दर्द होता है जो आपके हाथों से होता हुआ आपके

जबड़ो तक पहुँच जाता है। 

आप अपने घर से सबसे नजदीक अस्पताल से 5 मील दूर है और दुर्भाग्यवश आपको ये नहीं समझ आ रहा की आप वहांतक पहुँच पाएंगे की नहीं।

आप सीपीआर में प्रशिक्षित है मगर वहां भी आपको ये नहीं सिखाया गया की इसको खुद पर प्रयोग कैसे करे।

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     ऐसे में दिल के दौरे से बचने 

            के लिए ये उपाय

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चूँकि ज्यादातर लोग दिल के दौरे के वक्त अकेले होते है बिना किसी की मदद के उन्हें सांस लेने में तकलीफ

होती है । वे बेहोश होने लगते है और उनके पास सिर्फ 10 सेकण्ड्स होते है । 

ऐसे हालत में पीड़ित जोर जोर से खांस कर खुद को सामान्य रख सकता है। एक जोर की सांस

लेनी चाहिए हर खांसी से पहले

और खांसी इतनी तेज हो की

छाती से थूक निकले।

जब तक मदद न आये ये

प्रक्रिया दो सेकंड से दोहराई

जाए ताकि धड्कण सामान्य

हो जाए ।

जोर की साँसे फेफड़ो में

ऑक्सीजन पैदा करती है

और जोर की खांसी की वजह

से दिल सिकुड़ता है जिस से

रक्त सञ्चालन नियमित रूप से

चलता है ।

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जहाँ तक ही सके इस सन्देश को हरेक तक पहुंचाए । एक ह्रदय के डॉक्टर ने तो यहाँ तक कहाँ की अगर हर व्यक्ति यह सन्देश 10 लोगो को भेजे तो एक जान बचायी जा सकती है।

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        आप सबसे निवेदन है 

  चुटकले फोटो भेजने की बजाय 

       यह सन्देश सबको भेजे 

   ताकि लोगो की जान बच सके 

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मुझे भी एक मित्र ने भेजा

अब आप की बारी है 

जनहित में प्रसारित 

 😊 

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इस संदेश को 3 ग्रुपों में  भेजकर देखें | सारे अक्षर खुल जाएंगे और आप पाएंगे कि आप का नाम लिखा है  

 

यह कोई मजाक नहीं बल्कि इसका जादू आपको अचम्भित कर देगा.....

 ███shikha Ayush neha sanjay 🚩🌹🙏🇮🇳🚩🌹🙏🇮🇳

Is ko 2 group main forward.

 Karo magic deko 〽.

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About Author

अर्जुन पंचारिया एक प्रसिद्ध कवि हैं, जिन्हें साहित्य जगत में उनके असाधारण योगदान के लिए व्यापक रूप से पहचाना जाता है। अमर उजाला द्वारा सत्यापित स्थिति के साथ, उनकी काव्य क्षमता ने दुनिया भर के पाठकों को मंत्रमुग्ध कर दिया है। अपने ओजस्वी छंदों के माध्यम से, पंचारिया सहजता से भावनाओं और अनुभवों को पिरोते हैं, और अपने दर्शकों के दिलों पर एक अमिट छाप छोड़ते हैं। मानवीय भावनाओं की उनकी गहरी समझ और उन्हें मनमोहक तरीके से व्यक्त करने की क्षमता उन्हें लिखित शब्द का सच्चा स्वामी बनाती है।