श्रीलंका का वित्तीय संकट इसके कारण और इससे कैसे निकल सकते है ।

इस समय श्रीलंका एक बड़े वित्तीय संकट से झूझ रहा है । लगभग 2 करोड़ की आबादी वाला एक छोटा सा देश कैसे दिवालिया होने की कगार पर पहुच चुका है आइये जानते है ।

श्रीलंका दक्षिणी एशिया का एक छोटा द्वीप है जो चारो और पानी से घिरा हुआ है , ये देश अपनी जरूरत का लगभग 85% सामान दूसरे देशों से आयात करता है , दूसरे देशों से आयातित वस्तुओ का भुगतान किसी भी देश के विदेशी मुद्रा भंडार से किया जाता है , लेकिन इस समय श्रीलंका के विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खाली है और बाहर से आयात के भुगतान के लिए उसके पास विदेशी मुद्रा की भारी कमीं है जिसके फलस्वरूप देश मे हालात भीषण खराब हो चुके है , चीज़ों के दाम आसमान छू रहे है लोगो की रोज़मर्रा की ज़रूरत की चीज़ें उनकें पहुँच के बाहर हो रही है ।

इसके पीछे के कुछ प्रमुख कारण है ।

1, पर्यटको की कमी - श्रीलंका की आय का मुख्य स्रोत पर्यटन है प्रकृति प्रेमी हर साल लाखों की संख्या में श्रीलंका घूमने आते है ऐसे में उनके आने से श्रीलंका सरकार की मोटी कमाई होती थी , लेकिन आतंकवादी हमलों और कोरोना वायरस आपदा की वजह श्रीलंका के पर्यटन में भारी कमी आने के बाद यहां पर्यटन उद्योग पूरी तरह चरमरा गया ।

2 गलत सरकारी नीतियां , श्रीलंका की केंद्र सरकार की नीतिया जैसे वैट को आधा कर देना मुद्रा भंडार का ठीक से आंकलन  प्रबंधन ना करना । बेवजह चीन से भारी ब्याज दरों पर कर्ज लेना आदि ।

क्या किया जा सकता है , सबसे पहले श्रीलंका की सरकार अपने विदेशी मुद्रा भंडार को फिर से भरने पर ध्यान लगाना चाहिये इसके लिए अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष से सहायता ली जानी चाहिए , वैट को पुनः अपने पुराने रूप में वापस लागू किया जाना चाहिए तथा कुछ समय के लिए कुछ अतिरिक्त करो को जनता पे लगाना चाहिए  जिस से मुद्रा भंडार का प्रबंधन अच्छी तरह किया जा सके ।

निर्यात पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए - श्रीलंका में रबड़ और चाय और नारियल का उत्पादन होता है उसका निर्यात पर नीति बनानी चहिये ।

विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने की नीतियां - विदेशी निवेशकों एव कम्पनीज़ को श्रीलंका में व्यापार का न्योता देना चाहिए उन्हें उसके लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करना चाहिए , 

भृष्टाचार पर सख्ती से कदम उठाने चाहिए - किसी भी देश की आधी से ज़्यादा समस्याएं उस देश के भ्रष्टाचार से उतपन्न होती है । यदि वह भ्रष्टाचार खत्म या कम कर दिया जाए तो आधी से ज़्यादा समस्या खत्म हो सकती है ।

आम जनता के अंदर के भय को समाप्त कर के - इस समय श्रीलंका की जनता अपने भविष्य को लेकर बहुत चिंतित है सरकार को चाहिए कि उसके आला अधिकारी और मंत्री एवं स्वयं राष्ट्रपति सार्वजनिक रूप से आये और जनता के अंदर विश्वास पैदा करे कि जो कुछ भी इस समय हो रहा है सिर्फ सामयिक है जल्द जल्द हम इसमे से निकल कर इस से जीत जाएंगे ।

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