प्रेम-विवाह ( भाग-1)
सखियों ने किया श्रृगार नहीं
बहन ने मेहंदी रचाई नहीं
माँ ने आरती थाल सजाई नहीं
बापू ने दिये आशीर्वाद नहीं
बाबुल के घर छोड़ कर
मै प्रियतम के घर चली
मनचाहा वर चुन कर
साथ रहने का सपने बुन कर
माँ पापा के खिलाफ जा कर
हम दोनों ब्याह रचाई
रिश्तें नातों को छोड़ कर
मैं प्रियतम के घर चली
छोड़ चली मैं वो गली
जहाँ मैं बचपन बिताई
साथी संगत को छोड़ कर
जाने पहचाने से मुँह मोड कर
मैं प्रियतम के घर चली
पापा के लिए मैं परी थी
माँ की मैं गुड़िया रानी थी
उनके अरमानों को मोड़
उनकी खुशियों को तोड़
उनके आँखों में अश्रु दे कर
मैं प्रियतम के घर चली
आगे क्या होगा छोड़ कर
समाज के नियम तोड़ कर
पिया से नाता जोड़ कर
अपनी खुशी की कामना लिए
मैं प्रियतम के साथ चली
2
प्रेम-विवाह ( भाग-2 )
माँ पिता के घर छोड़ आई
बाबुल से रिश्ता तोड़ आई
सखियों से मुँह मोड आई
प्रियतम से नाता जोड़ आई
छोड़ आई अकेले माँ को
एक अंजाने से रिश्ता जोड़ आई
माँ बिलखती रही घर पर
उसको उसी हाल में छोड़ आई
पिता के पगड़ी को झुका
अपनी खुशी में खो गई
ईश्क का जो जुनून सवार था
आने वाली कल ना देख पाई
जब तक रहा पैसा पास में
हमने पुरा ऐस-मौज मनाई
शुरू हुआ जब असली जिंदगी
वो अपना रंग अब दिखलाया
अब पहले जैसा प्यार नहीं था
अब होता पिया से रोज लडाई
कमाते और रोज दारू पीते
घर आ कर करते रोज पिटाई
मन ही मन अब पचताती हूँ
क्यों माँ की घर छोड़ आई
अब मन ग्लानि से भरी हुई है
क्यों पिता के बाते न सुन पाई
उस समय मैं ईश्क में चूर थी
क्या गलती हैं समझ नहीं पाई
इस जालिम दुनिया वाले को
मैं तब नही परख पाई
✍अंकित राज*1*
*स्वाभिमान
स्वाभिमान अस्तित्व हित, तत्त्व जरूरी जा
इसके बिन संसार में, राजा मृतक समान।
स्वाभिमान की राह पर, चलना नहिं आसा
जो चलते वे शूर हैं, उनकी कीर्ति महान।
यवन राज से भिड़ गए, राणा सीना तान
स्वाभिमान की राह पर, चलकर बने महान।
कैसे कह दूँ भाइयों, स्वाभिमान को छोड़
जो छोड़े सो बन गए, मिट्टी के मटकोड़
स्वाभिमान हिय राखिए, यदि चाहो पहचान
बिन इसके संसार में, नर है मृतक समान
स्वाभिमान गुण मानिए, अवगुण सम अभिमान
एक हितैषी स्वयं का, एक शत्रु सम जान
*सुनील कुमार रोहतास
*2
*ग़ज़ल
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कभी संतूर जैसी धुन निकलती क्या नगाड़ों में
नहीं बादाम सी ताकत कभी मिलती सिंघाड़ों में
बिना हथियार वीरों ने दिखाये शौर्य के करतब
चवा डाले चवालिस चीन के सैनिक जवाड़ों में
नदी आवाज खो बैठी सुरीली जल तरंगों की
भयानक नाद था उस वक्त शेरों की दहाडों में
छुपे थे युद्ध के एलान चीनी चालबाजी में
हिमाकत कर गया दुश्मन छुपा बैठा पहाड़ों में
खिलाड़ी बंद कमरों में कभी पैदा नहीं होते
कबड्डी और कुश्ती फूलते फलते अखाड़ों में
खदानों की खुदाई में सदा हीरे निकलते हैं
कभी मिलते नहीं हीरे पड़े मलवे कवाड़ों में
खुली खिड़की से अक्सर राज सड़कों पर टहलते हैं
मगर आरोप के बादल सदा दिखते किवाड़ों में
पड़ी चट्टान पर "सुनील" पनपते पेड़ पौधे जो
बताओ कौन बोता बीज पर्वत की दराड़ों में
*सुनील कुमार रोहतास*
*3
*वीरांगना रानी लक्ष्मीबा
काशी में जन्मी थी
महारानी लक्ष्मीबाई थी
मोरोपंत पिता थे जिनके
औ माँ भागीरथी बाई थीं
पितामह बाजीराव पे
का साथ बहुत ही भाता था
बचपन नाना के संग बीता
नाना से गहरा नाता था
भारत की वसुंधरा का गौ
कर्तव्यपरायण महारानी थी
धर्मनिष्ठ और स्वाभिमानी सी
झाँसी की वो रानी थी
"मै अपनी झाँसी नही दूँगी
संघर्ष यहीं से शुरू हु
अंग्रजो के विरुद्ध क्रांति का
विद्रोह तभी से शुरु हु
जब किया मुकाबला हिम्मत
छक्के छूटे अंग्रजो के
हारे एक एक करके सारे
सपने टूटे अंग्रजो के
बच्चे को पीठ पर बांध
मैदान छोड़ न भागी थी
आज़ादी के लिए लगा
अपनी जान की बाजी थी
जीवन की अंतिम आहुति
अंग्रजो से बचाया झाँसी को
अपने बलिदानी गाथाओं से
गौरव दिलवाया झाँसी को
तुम थी अवतार वीरता
शक्ति थी पूरी झाँसी की
'पूजा' करती है नमन तुम्हे
हे लक्ष्मीबाई झाँसी की
*सुनील कुमार रोहतास*
Theme- love
मैं जानता हूं मेरे
हर सवाल का जवाब है तेरे पास
मगर दिल नहीं पत्थर है तेरे पास
मैं जानता हूं मेरे
ऊपर हर वक्त तेरी नजरों का पहरा है
मगर तेरे सीने में कोई राज गहरा है
मैं जानता हूं मेरे
बारे में एक हद तक सब मालूम है तुझे
शायद अभी भी कुछ बताना है मुझे
मैं जानता हूं मेरे
ख्वाबों खयालों की महज़ एक तस्वीर है तू
टूटती उम्मीदों को जोड़ती एक तरकिब है तू
मैं जानता हूं मेरे
सवालों का जबाब भी तू, सवाल भी तू
मगर तुझसे भला कैसे कहूं बता दे तू
✍️Momin
Theme-Love
तुम ना समझो, ना सही
समझाने की कोशिश जारी रखूं
तुम न समझो ,अपना न स
हक जतलाने की गुस्ताखी जारी रखूंगा
तुम ना समझो , भला ना
खुद समझाने में,वक्त भारी रखूंगा
तुम ना समझो, कुछ भी
खुदा की चौखट पर बात रखूंगा
तुम ना समझो, ना स
मुसाफिर हूं,खुद की तलाश जारी रखूंगा
तुम ना समझो, कोई बात ना
खुद की सफाई में,हर बात लिखूंगा
तुम न समझो, वक्त नहीं है
हर गुजरते लम्हे को अपने साथ रखूंगा
तुम न समझो, कोई बात न
हंसते हुई लबों पर मुस्कुराहट रखूंगा
✍️Momin
लगता है अब खुशी इन हवाओं में नहीं,
खुसूरती की लहर इन फिजाओं में नही
अब सजदे में सर झके भी तो किसी को
गिराने के लिए
तभी तो इसका असर शायद दुयाओ में नही,
अमित त्रिवे
: माना मैं समझ दार नहीं हु तुम जैसा,
मुझमें अभी नादानियां बहुत है
मैं जो भी हु जैसा भी हु
आप सब की इसमें महेरबनिया बहुत
अमित त्रिवेदी
: बचपन गया जवानी ग
कुछ नई कुछ यादें पुरानी गई
कुछ अपने गए कुछ सपने गए
कुछ किस्से कहानी गई
कुछ मैं बदला कुछ वो बदले
कुछ बदलती रवानी गई
अमित त्रिवेदी,
माँगा करते हैं तुमको
जिंदगी का हर पल तुम्हारे लिए है,
दिल की हर धड़कन तुम्हारे लिए है।
रग-रग में तुम बसे इस कदर,
माँगा करते हैं तुमको।
तुम मेरी जिंदगी में इस कदर आये,
मेरी किस्मत तो बदल गई।
जिंदगी मेरी हमसफ़र बन गई
माँगा करते हैं तुमको।
वह हँसी-खुशी का पल याद है मुझे,
उस मुुुुस्कान के साध।
उस पल के लिए,
माँगा करते हैं तुमको।
मेरे जीवन में बहुत अनमोल हो तुुम,
जीवन में वह खुशी हो तुम।
ऐसे उजाले का आधार हो तुम,
माँगा करते हैं तुमको।
-भूमिका शर्मा
प्यार के पन्ने पर
प्यार के पन्ने को खोला,
खुशहाल मेरा जीवन हो गया।
मेरी निगाह मे बस गया साथी,
प्रफुल्लित मेरा मन हो गया।
उस धड़कन मे समाकर देखा,
मेरी धड़कन तेरे लिए है।
जीवन का हर पल तेरे लिए है,
मेरा सर्वस्व तेरे लिए है।
बगिया के फूलों सा है यह जीवन,
महकता मनमोहक यह जीवन बनता।
मेरी निगाहों में बसकर,
मेरी किस्मत बदल गई।
उस दिपशिखा कि तरह,
प्रज्वलित हुआ मेरा जीवन।
प्यार के पन्ने पर,
प्रसन्न मेरा मन हो गया।
इस अनमोल पल मे,
जो जिंदगी बन गया।
तेरे लिए देखा हमने जो सपना
तुम से ही बन गयी जिदगी मेरी।
-भूमिका शर्मा
**प्रेम **
लोग कहते है ‘प्रेम प्रेम’
आज मुझे प्रेम हुआ है ।
मैने प्रेम को समझा है ।
किसी की चाहत में जान देना,
किसी के प्रति सबकुछ भूल कर रहना, प्रेम नहीं ।
प्रेम का मतलब तो एक ज़िमेदारी — अपने परिवार और अपने प्रेमिका के प्रति ।
उनके सुख–दुःख में उनका ध्यान रखें, उनको सुखी रखना ।
लोग कहते है — ‘प्रेम प्रेम’
प्रेम तो जीवन का इत्र है,
जिसे प्रेम हो बो समझे ।
कीमत प्रेम की उससे न पूछो — जो सिर्फ कहते है ’प्रेम प्रेम’
जीवन में प्रेम केवल एक ही बार हो, ऐसा तो नहीं ।
तुम्हे जिससे प्रेम हैं, अगर उसे तुमसे प्रेम नहीं, भूलना होगा उसे ।
दुआ कर उसकी खुशाल जिंदगी की, फिर से किसी की प्रेम में पर होगा तुम्हे,
जो आपके प्रेम में मोहित हो ।
दोनो के प्रेम से जीवन होगा सुखमय ।
**आपको डर किस बात की**
मैं साथ हूं आपके,
आपको डर किस बात की !
मुझे दुख बताओ, मुझे दर्द बताओ, हु पास मैं आपके ।
गर आपके दुःख, दर्द हो कम ।
मैं वहीं करूंगा जो आप कहोगे ।
रूहुंगा ज़िन्दगी भर साथ आपके ।
गर कभी खतरा आपको घेर लेता है,
तो मैं करूंगा निवारण ।
थोड़ा भरोसा मुझ पर करलो ।
आपका हाथ पकड़ के चलूंगा साथ में, जिंदगी भर ।
मैं आपको कहीं खो जाने नहीं दूंगा ।
आप मेरे दिल में है, और आपके अलावा कोई नहीं ।
आप मेरे वचन हो,
आप मेरे इत्र हो ।
आप ही तो हो मेरा प्यार ।
आपके साथ यह जीवन सुखमय हो जाएगा ।।
मोहे लगन लगी राम नाम की प्रीत,
अब मोहे राम नाम भजन करन देहो।
छूट गयो सब मेरे मोह माया के बंधन,
राम नाम का साधक हूं, साधक ही रहने दो।
राम नाम का सेवक हूं, मुझे सेवक ही रहने दो।
म्हारे को नहीं चाहिए जमाने की मोहमाया,
अब मैं राम का और राम नाम महारो भयो।
मुझे कछु न चाहिए राम बिन,
मेरा सब कुछ बसा अब राम में।
मैं क्या अर्पण करूं राम तुमको,
मुझे तो सब कुछ मिला है तुम्हीं से।
मुझे राम नाम की लगी जो प्रीत,
अब मुझे राम नाम भजन करन देहु।
सब मोहमाया अब छूट गयो,
अब लग गयो प्रीत म्हारे को राम नाम की।
" मैं भया राम का, राम नाम भयो अब म्हारो।
मुझे राम से प्रीत भयो, हनुमान से मिलन प्रथम मैं चलयो।"
Arjun Singh kashyap
"मेरा परिवार"
बिखरकर परिवार से क्या कोई सुखी रह पाया है,
डाली पेड़ से टूटकर फिर क्या कभी लटकती है।
ना रुठो, ना टूटो मेरे प्यारे कभी परिवार से,
टूटकर पेड़ से कभी डाली ने क्या नए पत्ते दिए है।
टूटी है,या रूठी है अगर कोई टहनी है पेड़ से,
पेड़ भी बहुत रोया है अपनों के अलग होने से।
जब पेड़ आसूं बहा सकता है अपनों के टूटने से,
तो परिवार का क्या होगा अपनों के रूठने से।
सोचो कुछ,लिखो भी मेरे युवा साथियों परिवारों को,
क्या हश्र होगा परिवार का आपके रूठ जाने से।
क्या पिता अपनी लाठी को वैसे चला पायेगा,
फिर मां आंगन को किस बहाने बुहारेगी।
_✍️ अर्जुन सिंह कश्यप
*प्यार*
प्यार आखिर प्यार ही होता
इसमें ना तुम और ना मैं का को
एक अलग सा स्थान रहता है
इस प्यार में हम तुम कितना साथ र
ये दूरियों का एहसास ही हमें जताता है
तुमसे ना मिलाकर भी मुझे
तुम्हारे और करीब ले आता
यही तो है वो प्यार जो बिन कहे
सबकुछ जैसे एक शब्द में कह जाता
ना जिस्म की प्यास रहती है और ना
निगाह खामोश रहती
यही तो होता है प्यार जिसमें
खुद से खुद की तकरार रहती
लफ्ज़ रहते है खामोश और ज़ुबान पर जैसे
अनगिनत मिन्नतें शब्द पीरो रही होती है
जैसे कोई पिछले जन्म का रिश्ता जुड़ा होता
जो ये प्यार दिखाकर अपना हक अदा करता है
यही तो होता है प्यार जिसमें
कोई एक तो ज़िंदा रहता है और दूस
प्यार के नाम पर ना जाने कितनी आयतें
इन मीनारों पर लिख जाता है
रस्मों रिवाज़ की दहलीज लांघ कर
ये दुनिया की हर रस्म को अदा क
ये उसे अच्छे से निभाना जानता है
और दुनिया कि हर ख्वाहिश को ये
अपने दम पर पूरा करना जानता
क्यूंकि प्यार प्यार होता है ये ब
ढाई अक्षर के नाम पर अपनी बा
सीधे शब्दों में कहना जानता है
और ना होती है इसे ज़माने से कोई दरका
ये तो बस अपनी एक पहचान बनाना जानता है
यही तो है वो प्यार जि
हम सब अपनाना चाहते हैं
रजनी श्रीवास्त
Insta I'd- shrivastava74
"प्रेम
कभी खुद से बातें करते हैं
तो कभी खुद से प्रीत निभाते हैं
ज़िन्दगी की दौड़ में ना जा
खुद को कैसे भूल जाते हैं
सुकून मिलता है जब तुमसे बात होती है
शायद इन दो पलों की मुलाक़ात को ही प्रेम कहते हैं
और इस ज़िन्दगी में अगर दो शब्दों
कोई कहने सुनने वाला मिल जा
तो फिर ना कभी किसी से कोई शिकायत रहती है
प्रेम कोई वासना नहीं, प्रेम तो प्रेम
जिसे परिभाषित करना करीब करी
तुम्हें एक नवीन रूप में ढालना होता है
जिसमें ना कुछ शेष रहता
और ना ही कोई तुम्हें बांध पाता है
कभी जो सोच पाऊं मैं तुम्हें क
जो सिर्फ ये एहसास दिलाते है कि
मेरा और तुम्हारा प्रेम कभी अलग था ही नहीं
प्रेम के इस बंधन में सदा यूं ही बांधे रखती
तुमसे मुझे एक डो
जो करीब रखती है मुझे तुमसे
और खींचती है सिर्फ और सिर्फ तुम्हारी ही ओर
Rajni Shrivastava।
प्रेम
प्रेम जीवन का आधार
प्रेम है शाश्वत अमर
सदा ही रहता नश्वर
प्रेम किसी दिन का मोहताज नही
ये है अविरल अथाह सागर
प्रेम है संतुष्टि की चरम अनुभूति
जो गूजती रहती है सदा ह्रदय मे
एक दूसरे के प्रति सदा समर्पित
विश्वास और अपनापन का
अटुट अदभुत रिश्ता है प्रेम
ता उमर ना कभी टुटने वाला
सुन्दर बंधन है प्रेम जिसकी
है ना दरोदीवारे ना कोई सीमाए
कभी भी स्फुरित होने का सुन्दर
भाव है ये प्रेम जो अभिव्यक्ति
नही है एक दिन की ता उमर
साथ निभाने का सुन्दर रिश्ता है प्रेम
प्रेम के है कितने रंग कितने मोड़
जो सदा अर्पण का भाव रखता है
त्याग से पूरी होती प्रेम की कहानी
जो बदल देती जीवन की कहानी
सुरंजना पाण्डेय
सच्चे प्रियवर
कैसे बताएं क्या हो तुम
जीवन की अनुगूंज हो तुम
तुम ही धड़कन तुम ही गीत
जीवन का संगीत हो तुम
तुम ही जिंदगी तुम ही बंदगी
तुम ही आराध्य तुम ही ईश
तुम ही रोशनी तुम ही ताजगी
तुम हो हर खुशी तुम ही प्यार हो
तुम प्रीत हो, सारी खुशियां तुमसे हमदम
जो तुम मेरे मनमीत हो
तुम सावन की पहली बारिश
तुम से ही पूरी होती हर ख्वाहिश
तुमसे रात और दिन का सुकून
तुमसे जीवन के सुख और सारे चैन
आंखों को लगते हो सुखकर
तुम हो मेरे सच्चे प्रियवर
सुरंजना पांडेय
I was lost
Crawling on the pat
The path, so dry n desolat
All I sa
Was barren lan
The soil cracke
Never seen a drop since las
The sky vacant n mute
No chirping, no thunderin
No rustle of leave
No life just movin
Expecting the days of gree
Living a life of dilemm
With the fear of hop
The pain of isolatio
Getting deeper n deeper....
One fine d
My destiny opened eye
A drop of rai
Touched my conscienc
The earthly scen
Was all I inhale
I looked up and sighte
Heaven sending those drops to m
In split of a secon
Sheet of greenery was all aroun
Light touches of butterflies bum aroun
Croak of frog felt so soothin
Subtle wind moving and healin
I found mysel
Smiling through the cheek
And all anguishes fle
Was that monsoon or was that You.....??
Anshu Vishwakarmaयूं तो ऊंचाइयों से डर लगता है,
पर ख्वाहिश है तुझ संग उड़ने की
बादलों को चीरते हुए
बेबाक, जिंदगी जीने की
अपने चांद का हाथ थामे,
उस चांद से मिलने की
परियों की नगरी में
खुद एक परी बनकर उड़ने की
बस इल्तजा है तुझ संग
उन आसमानों में घूमने की
उन घने घने खूबसूरत
बादलों को चीरने की
बस इल्तजा है तू संग
उन आसमानों में घूमने की
सपने नहीं देखे थे कभी तुझ संग
पर फिर भी तू सपनों में आने लगा
सूरत नहीं देखी है तेरी अब तक
पर तू तो खयालों में ही सताने लगा
कुछ पल के लिए लगने लगा था
कि हम तो अपनी चादर से बाहर निकल रहे हैं
तुझे पाने की औकात नहीं है हमारी
पर फिर भी क्यों हम
सपने तेरे देख रहे हैं
पर तुम्हारी आहट ही कुछ ऐसी है जाना
कि दिल में दस्तक दे गयी
और उन बिन बुलाए ख्यालों को भी
हमसे फुर्सत कर गई
तुम्हें सोचना तो मेरे लिए
जैसे साहिराना हो जाता है
ऐवान में भी वो सुकून ना मिले
जो हमें इन लम्हों में ही मिल जाता है
मेंह की बूंदे भी कुछ खफा सी रहती है हमसे
कहती है-अब हमारे आने ना आने से तुम्हें क्या फर्क पड़ता है
क्योंकि तुम्हारा दिल तो अब, किसी और के लिए धड़कता है
आसमां की ओर निहारते हुए तुम्हारी आंखें
बस उसी का रस्ता तकता है
जो ज़मीं पर तो कभी कभी
पर अक्सर आसमानों में ड्यूटी करता है
जानती हूं कि मुझ पर है खुदा की रहमत भी
मां बाबा का प्यार
और तुम्हारे चाहत की शिद्दत भी
फिर ऐसा तो कभी हो नहीं सकता
कि तुम मेरे नसीब में नहीं
बस चाहत है तेरी जाना
किसी और की अब चाहत नहीं
बस चाहत है तेरी जाना
किसी और की अब चाहत नहीं
साहिराना = जा
ऐवान = महल
मेंह = बारिश दुई।,,,,,,,,।,,
ISHITA GARG
जाने कब एक अजनबी मेरी जिंदगी का हिस्सा बन गया😇
अजीब उसका साथ है मानो दूर रहकर भी मेरे पास है❤️
उसकी बातों से एक ख़ुशी का एहसास है😀
अब वह मेरे दोस्तों में सबसे खास है क्योंकि अब वह मेरा प्यार है💖
वह सुनाता रहता है और मैं उसे सुनकर हंसती रहती हूं😌😌
बातों ही बातों में कब सब दुख भूल जाती हूं☺️☺️
उसकी बातों में कुछ तो है सुनते ही मेरा उदास चेहरा मुस्कुरा जाता है😇
मंजिल भी वही है रास्ता भी वही है बस पास होकर भी थोड़ा सा दूर है🤝
हम तुमसे कभी दूर ना होंगे क्योंकि जिन्हें सच में प्यार होता है ना वह कभी बदल नहीं पाते😍
इसलिए कहते हैं
चाहत भी जरूरी है मोहब्बत भी जरूरी है और इबादत भी जरूरी है इससे ज्यादा खूबसूरत कोई एहसास नहीं है😍❤️:
ISHITA GARG
Poem 2 -
प्यार क्या है ?🤔
प्यार जिंदगी का एक सबसे खूबसूरत एहसास है☺️
प्यार एक ऐसा शब्द है जिसका मतलब हर किसी के लिए अलग है❤️
प्यार करता हर कोई है लेकिन हर किसी से प्यार किया जाए यह नहीं हो सकता🙂🙂
प्यार कभी करते नहीं है, ना करना पड़ता है, ना करवाया जा सकता है प्यार बस हो जाता है😃💙
प्यार वह नहीं जो आप किसी को जबरदस्ती रखने की कोशिश करें या उसे छीनने की✌️
प्यार वह है जो सब से पहले हम खुद से करते हैं 😇और जब किसी और से करते हैं तो यह ना महसूस हो कि वह कोई और है आपको लगता हो कि वह आप ही हो और आप खुद से ज्यादा उसे चाहने लगे❤️❤️❤️
प्यार होता है जब आप उसकी दिल से इज्जत करने लगे जैसा हो उसे वैसा स्वीकार करें💖🤝
अस्थाई एहसास को प्यार का नाम लेकर बदनाम ना करें प्यार एक बहुत पवित्र शब्द है एहसास है उसकी कीमत समझे 💓
हमसफर तो सभी को मिल जाता है पर अगर प्यार मिल जाए तो अलग ही बात है
ISHITA GARG:
BUSHRA JAMAL (COMPILER)
I was sitting on my balcony,
I started remembering your smil
Since, the first night we met
The glimpse of your eyes
By holding my han
Your radiant face, warm hugs
I have love at first sight
You was sitting beside me
It was illuminating my day
Till my breath……
I blessed to met a soulmate
I love you as long as there is life
Have you been as a soulmat
The treasure of your love
I cherished it with my heart
How much I love you 💕
Hug represent the lo
I always keeps you in my arms
As long as I hold my breath…..
It is my pleasure to have you in my life…
I am incomplete without yo
I'll cry a lot when we apart from our body
But the pain running in my heart
I'll hold you forever in my heart
No matter our distance
Spend all my nights in your arms,
Wake up every morning looking at your face
Start every single day of my life with yo
Holding my hands with a promise in your eyes that you will be mine till eternity
How far you ar
You will always be in my heart
If I don't see yo
If I don't touch you
You are always in my heart…….
I know you want to stay with m
I know you want to spend time with me
But, some responsibilities come between us…
We never lose to each othe
Always being the best soulmate…….
You are always in my heart……
Just one dream, just one wis
Just one desire
You are always in my heart………
I don't need the moon to make my nights beautif
I don't need the sun to make my days bright.
I just need you by my side every single moment for the rest of my life.
You are everything to me
I want to belong to you like the stars belong to the night sky.......
You are my soulmate
I will forever treasure your love in my heart...
Acknowledgments
I would like to express my specialS thanks, who gave me the golden opportunity to do this wonderful book on the topic (Love-made in heaven), which also helped me doing my project with lots of co -authors.
I choose this topic for the book(Love- made in heaven) because everyone has special corner side of love.
Thanks to all my co- authors who support me to publish this book.
1)Ankit Raj
2) Sunil Kumar
3)Momin
4)Amit Trivedi
5) Bhoomika sharma
6) Bibhutibhusan Narjinary
7) Arjun Singh Kashyap
8)Rajni Srivastava
9) Suranjana pandey
10) Anshu Vishwakarma
11) Roshni
12) Ishita
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